Founder of Maharana Pratap Smarak Samiti
Patron-in-Chief, Maharana Pratap Smarak Samiti

प्रिय साथियों,

महाराणा प्रताप पर कुछ भी लिखते समय मुझे सर्वप्रथम मेवाड़ के प्रसिद्ध व जाने माने वीर रस के कवि पंडित श्री नरेंद्र मिश्र जी की ये पंक्तियां याद आती हैं :

राणा प्रताप इस भारत भूमि के मुक्ति मंत्र के गायक है | राणा प्रताप आजादी के अपराजित काल विधायक है |
राणा प्रताप का स्वाभिमान जो झुकना नहीं जानता था , राणा प्रताप को दुश्मन भी अपना आदर्श मानता था |
राणा प्रताप थे कीर्ति पुरुष ,मेवाड़ मुक्ति का विजय तुर्य , आजादी के दुर्गम पथ को आलोकित करता हुआ सूर्य |
मिट्टी पर मिटने वालों ने अब तक जिसका अनुगमन किया , राणा प्रताप के भाले का , हिमगिरी ने झुककर नमन किया |
वह आजादी के सूत्रधार ,आसिन्ध धरा सत्कार हुआ , राणा प्रताप का भारत की धरती पर जय- जय कार हुआ |

मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि महाराणा प्रताप स्मारक समिति, मोती मगरी, उदयपुर अपने 63 वें वर्ष में प्रवेश…Read More

--President Message--

मेवाड़ के वासियों का प्रेम अपनी भूमि व धरोहरों से ठीक उसी तरह से है, जैसे एक बच्चे का अपनी माँ से होता है। हमारी धरोहर ही हमारा गौरव हैं और ये हमारे इतिहास-बोध को मज़बूत करती है । हमारी कला और संस्कृति की आधार शिला भी हमारे विरासत स्थल ही हैं। इतना ही नहीं हमारी विरासतें हमें उन सभी चीजों से भी रूबरू कराती हैं,जो वीरों द्वारा अपने प्राणौ की आहूति देने पर हमें मिली है। यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि हम अब तक अपने विरासत स्थलों के सामाजिक और सांस्कृतिक महत्त्व पर ही बात करते आए हैं , जबकि आने वाली पीढ़ी को अनेक वीर सैनिको एवं महाराणाओ द्वारा किए गए बलिदानों की अनवरत गाथा किस प्रकार हस्तांतरित करेंगे , यह एक सोच का विषय है। महाराणाओं में सर्व प्रथम व सर्वोपरी वीर शिरोमणि ,प्रातःस्मरणीय ,मेवाड़ की आन बान शान के प्रतीक, एवं देश के प्रथम स्वतन्त्रा सेनानी महाराणा प्रताप का नाम आता है। जिनका जन्म ज्येष्ठ शुक्लपक्ष तृतीया,विक्रम संवत 1597 को हुआ। उनके स्मरण हेतू महाराणा प्रताप स्मारक स्थल का निर्माण मेवाड़ की धरा पर फतह सागर के किनारे स्थित मोती मगरी नामक पहाड़ी पर आज से तकरीबन 60 वर्ष पूर्व तत्कालीन महाराणा भगवत सिंह जी मेवाड़ ऑफ उदयपुर के कर कमलों द्वारा किया गया। महाराणा प्रताप स्मारक अपनी शिल्प कला का एक अनूठापन लिए हुए है जिसका शब्दों में वर्णन करना अत्यन्त ही कठिन है। जिसे देखकर ही इसके वैभव अनुभव किया जा सकता है।….Read More

--Secretary Message--

Monuments & History

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MAHARANA PRATAP

Not only Indians but all the freedom lovers all over the world are aware of the name and the greatness of Maharana Pratap Maharana Pratap was born…

Jhala Maan

Jhala Maan was the fifth of the seven generations of his lineage of Badi Sadri, who, following their ancestors, laid down their lives on the battlefield…

Hakim Khan Sur

There are many unsung heroes from the Mewar history who sacrificed their life to save Mewar from the invaders Hakim Khan Sur is one of them…

BHAMASHAH

Bhamashah was born on 28th June 1547 CE (Ashadh Shukla 10, Vikram Samvat 1604) at Chittorgarh. Veer Bhamashah participated in the battle…

Events & Festivals

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Virat Kavya Sammelan

03 February, Saturday - 6:00 pm - 10:00 pm
MPSS

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Kaaljayi Mewar

01 December, Saturday - 6:00 pm - 10:00 pm
MPSS

Kaaljayi Mewar

Rana Punja Jayanti

05 October, Tuesday - 8:00 am - 5:00 pm
MPSS

Rana Punja Jayanti

The Mewar Trail Expedition

27 October, Wednesday - 8:00 am - 5:00 pm
MPSS

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